Dr. Rahat Indori Shayari (डॉ राहत इंदौरी शायरी) – We are really fortunate to share some of the Best Shayari of Dr. Rahat Indori to you. We really hope that you gonna like our collection of 50+ Best Dr. Rahat Indori Shayari.
Born on 1 January 1950, Late Dr. Rahat Indori was not only a prolific poet, but also a celebrated scholar, and his poetry reflects his vast knowledge and erudition. He was known for his ability to seamlessly blend classical Urdu poetry with modern themes, creating a unique style that resonated with audiences across the world.
So, let’s explore the magic of Best Rahat Indori Shayari In Hindi with us. 🙂
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
फूंक डालूंगा मैं किसी रोज ये दिल की दुनिया, ये तेरे खत तो नहीं की जला भी न सकूं।
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए, काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।
सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए, ए खुदा मुझको दुश्मन भी खानदानी चाहिए।
तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो, मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो।
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल, मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे, जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।
Dr. Rahat Indori Shayari Collection (Selected)
Mere hujre me nahi, aur kaheen par rakh do,
Aasmaan laae ho, le aao, jameen par rakh do,
Aur ab kahan dhoondhne jaaoge hamare kaatil,
Aap to kattl ka iljaam hami par rakh do.
मेरे हुजरे में नहीं, और कंही पर रख दो,
आसमां लाए हो, ले आओ, ज़मीन पर रख दो,
अरे अब कहां ढूंढने जाओगे हमारे कातिल,
आप तो कत्ल का इल्ज़ाम हमी पर रख दो।
Ab na main hoon, na baaki hain zamane mere,
Fir bhi mashoor hai sehron me fasane mere,
Zindgi hai to naye jakhm bhi lag jaaenge,
Ab bhi baaki hain kai dost purane mere.
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
जा के कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से,
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से,
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के न लिए,
हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से।
Toofaanon se aankh milao, sailaabon pe vaar karo,
Mallaah ka chakkar chhodo, tair ke dariya paar karo,
Phoolon ki dukaane kholo, khushaboo ka vyaapaar karo ,
Ishq khata hai, to ye khata ek baar nahin, sau baar karo.
तूफ़ानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो,
मल्लाह का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो,
फूलों की दुकानें खोलो, ख़ुशबू का व्यापार करो,
इश्क़ खता है, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो।
Ham apani jaan ke dushman ko apani jaan kehate hai,
Mohabbat ki isi mitti ko hindustaan kehate hain,
Jo ye deevaar ka suraakh hai saazish hai logon ki,
Magar ham isako apane ghar ka roshanadaan kahate hain.
हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है,
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं,
जो ये दीवार का सुराख है साज़िश है लोगों की,
मगर हम इसको अपने घर का रोशनदान कहते हैं।
Roj taaron ki numaish me khalal padta hai,
Chand pagal hai andhere me nikal padta hai,
Uski yaad aai hai saanson jara dheere chalo,
Dhadkano se bhi ibaadat me khalal padta hai.
रोज़ तारों की नुमाइश में खलल पड़ता हैं,
चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं,
उसकी याद आई हैं सांसों जरा धीरे चलो,
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।
Aankhon me paani rakkho, hothon par chingari rakkho,
Zinda rehna hai to tarkeeben bohot saari rakkho,
Rah ke pattha se badh kar kuch nahi hain manzilen,
Raaste aawaj dete hain, safar jaari rakkho.
आँख में पानी रखो, होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें,
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो।
हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं,
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं,
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया,
मेरे कमरे में भी एक ‘ताजमहल’ रखा हैं।
Jubaan to khol, najar to mila, jawab to de,
Main kitni baar luta hoon, mujhe hisaab to de,
Tere badan ki likhaabat me hai utaar chadaaw,
Main tujhko kaise padhunga, mujhe kitaab to de.
जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे,
में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे,
तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव,
में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे।
Faisla jo bhi ho, manjoor hona chahiye,
Jang ho ya ishq, bharpoor hona chahiye,
Bhoolna bhi hai jaruri, yaad rakhne ke liye,
Paas rehna hai to thoda door bhi hona chahiye.
फैसला जो भी हो, मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क, भरपूर होना चाहिए,
भूलना भी हैं जरुरी, याद रखने के लिए,
पास रहना है तो थोडा दूर होना चाहिए।
Ab jo baajaar me rakkhe ho to hairat kya hai,
Jo bhi dekhega wo poochega ki keemat kya hai,
Ek hi barth pe do saaye safar karte rahe,
Maine kal raat yah jana hai ki jannat kya hai.
अब जो बाज़ार में रखे हो तो हैरत क्या है,
जो भी देखेगा वो पूछेगा की कीमत क्या है,
एक ही बर्थ पे दो साये सफर करते रहे,
मैंने कल रात यह जाना है कि जन्नत क्या है।
Haath khali hai tere seher se jaate jaate,
Jaan hoti to meri jaan lutate jaate,
Ab to har haath ka patthar hame pehchanta hai,
Umra gujri hai tere seher me aate jaate.
हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं,
दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूं।
Kashti tera naseeb chamakdaar kar diya,
Iss paar ke thapedon ne uss paar kar diya,
Afwah thi ki meri tabiyat kharaab hai,
Logon ne pooch pooch kar beemaar kar diya.
कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया,
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया,
अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं,
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया।
Loo bhi chalti thi toh Baad-e-Shaba kehte the,
Paanv failaye andheron ko diya kehte the,
Unka anjaam tujhe yaad nahi hai shayad,
Aur bhi log the Jo khud ko Khuda kehte the.
लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।
Kaheen akele me milkar jhanjhod doonga use,
Jahan jahan se wo toota hai jod dunga use,
Mujhe wo chhod gaya ye kamaal hai us ka,
Iraadaa maine kiya tha ki chhod dunga use.
कहीं अकेले में मिलकर झंझोड़ दूंगा उसे,
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे,
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उसका,
इरादा मैंने किया था की छोड़ दूंगा उसे।
Ek chingari najar aayi thi basti me use,
Wo alag hat gaya aandhi ko ishara kar ke,
In raaton se apna rishta jaane kaisa rishta hai,
Neend kamoron me jaagi hai khwab chaton par bikhre hain.
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे,
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के,
इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।
Ajanbi khwahishe seene me daba bhi na sakoon,
Aise jiddi hain parinde ki udha bhi na sakoon,
Foonk daalunga kisi roj main dill ki duniya,
Ye tera khat to nahi hai ki jala bhi na sakoon.
अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,
ऐसे ज़िद्दी है परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,
फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।
Agar khilaaf hain, hone do, jaan thodi hai,
Ye sab dhua hai, koi aasmaan thodi hai,
Lagegi aag to aaenge ghar kai jadd me,
Yahan pe sirf hamara makaan thodi hai.
अगर खिलाफ हैं, होने दो, जान थोड़ी है,
ये सब धुँआ है, कोई आसमान थोड़ी है,
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में,
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है।
बुलाती है मगर जाने का नहीं,
ये दुनिया है, इधर जाने का नहीं,
मेरे बेटे किसी से इश़्क कर,
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं।
2 Lines Best Rahat Indori Shayari
Ghar ke bahar dhoondhta rehta hoon duniya,
Ghar ke andar duniya-daari rehti hai.
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।
Main aakhir kaun sa mausam tumhare naam kar deta,
Yaha har ek mausam ko gujar jaane ki jaldi hai.
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थ।
Ham se pehle bhi musafir kai gujre honge,
Kam se kam raah ke patthar to hataate jaate.
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
Bohot gurur hai dariya ko apne hone par,
Jo meri pyas se uljhe to dhajjiya udh jaae.
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।
Paseene baandta firta hai har taraf suraj,
Kabhi jo haath laga to nichod dunga use.
पसीने बाँटता फिरता है हर तरफ़ सूरज,
कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूँगा उसे।
Jaagne ki bhi, jagaane ki bhi aadat ho jaae,
Kaash tujhko kisi shayar se mohobbat ho jaae.
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।
Roj patthar ki himayat me ghajal likhte hain,
Roj seeshe se koi kaam nikal padta hai.
रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं,
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।
Botlen khol kar to pee parson,
Aaj dill khol kar bhi pee jaae.
बोतलें खोल कर तो पी बरसों,
आज दिल खोल कर भी पी जाए..!!
Heart Touching Dr. Rahat Indori Shayari With Images
जवानियों में जबानी को धूल करते हैं,
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं,
और अगर अनारकली है सवव बगावत का,
सलीम हम तेरी शरतें कबूल करते हैं।
Sula chuki thi ye duniya thapak thapak ke mujhe,
Jaga diya teri paanjeb ne khanak khanak ke mujhe,
Koi bataye ke main iska kya ilaaj karun,
Pareshaan karta hai ye dill dhadak dhadak ke mujhe.
सुला चुकी थी ये दुनिया थपक-थपक के मुझे,
जगा दिया तेरी पंजेब ने खनक खनक के मुझे,
कौई बताये के मैं इसका क्या इलाज़ करूँ,
परेशान करता है ये दिल धड़क-धड़क के मुझे।
Chehre ke liye aaine kurbaan kiye hain,
Iss shouk me apne bade nukshaan kiye hain,
Mehfil me mujhe gaaliyan dekar hai bohot khush,
Jis shaksh par maine bade ehshaan kiye hain.
चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
Teri har baat mohobbat me gawara karke,
Dill ke bajar me bethe hain khasaaraa karke,
Main wo dariya hoon, ki har boond bhawar hai jiski,
Tumne accha hi kiya mujhse kinaaraa karke.
तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके,
मैं वो दरिया हूँ, कि हर बूंद भंवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
Naye safar ka naya intejaam keh denge,
Hawa ko dhoop, chiragon ki sham keh denge,
Kisi se haath bhi chup kar milaiye warna,
Ise bhi maolbi sahab haraam keh denge.
नए सफ़र का नया इंतज़ाम कह देंगे,
हवा को धूप, चिरागों को शाम कह देंगे,
किसी से हाथ भी छुप कर मिलाइए वरना,
इसे भी मौलवी साहब हराम कह देंगे।
Ishq me jeet ke aane ke liye kaafi hoon,
Main akela hi jamaane ke liye kafi hoon,
Meri har haquikat ko mera khwab samajhne wale,
Main teri neend udhane ke liye kaafi hoon.
इश्क़ में जीत के आने के लिए काफी हूं,
मैं अकेला ही जमाने के लिए काफी हूं,
मेरी हर हकीकत को मेरा ख्वाब समझने वाले,
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए हीं काफी हूं।
छू गया जब कभी ख़याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में,
और घर देर तक महकता रहा।
Ishq ne goonthe the jo ghajre nukeele ho gaye,
Tere haathon me to ye kangan bhi dheele ho gaye,
Fool bechare akele reh gaye hai saakh par,
Gaaon ki sab titliyon ke haath peele ho gaye.
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए हैं शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए।
luv e diyon ki hawa me uchalte rehna,
Gulon ke rang pe tejaab daalte rehna,
Main noor ban ke zamaane me fail jaaunga,
Tum aaftaab me nikaalte rehna.
लवे दीयों की हवा में उछालते रहना,
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना,
में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा,
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना।।
In conclusion, we would like to mention that Dr. Rahat Indori was also a prominent figure in the world of Indian cinema, having written lyrics for numerous Bollywood films. His mastery of language and his ability to capture complex emotions in just a few lines made him one of the most sought-after lyricists in the industry.
Overall, Dr. Rahat Indori Shayari represents a unique and powerful contribution to the world of Urdu/Hindi poetry. His words continue to inspire and move people today, and his legacy will no doubt continue to grow in the years to come.
We really hope that you have liked out collection Best Dr. Rahat Indori Shayari. If so, then please share these Rahat Indori Shayari with your friends and family.